23 September 2011

सपनों का पासवर्ड


सपने अधिकांश इंसान के लिए दूर के तारे के समान होते हैं। वो केवल इन्हें देख पाता, इनके बारे में सोच पाता है। पर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपने सपनों को जीते हैं, उन्हें उसका पासवर्ड पता है...
इस दुनिया का हर इंसान सपने देखता है, और इसके पूरा होने की चाह भी रखता है। लेकिन कुछ बिरले ही होते हैं, जिनके सपनों पर हकीकत का रंग चढ़ता है। आखिर क्या है सपनों का पासवर्ड? कब होते हैं किसी व्यक्ति के सपने पूरे...
कहते हैं, सपने और उपलब्धियां उतनी ही साधारण हैं, जितना कि एक कप काफी या चाय पीना। और सपनों का पासवर्ड भी उतना ही साधारण है, खुद पर यकीन करना.... हम हर वो चीज हासिल कर सकते हैं जो हम पाना चाहते हैं। बस शर्त यह है कि अपने सपनों-लक्ष्य पर यकीन करना, यह विश्वास करना कि वे पूरा हो सकते हैं। इसे प्रार्थना बना लीजिए... रोज प्रे कीजिए कि मेरे सपने व लक्ष्य पूरा हो रहे हैं,और इस विश्व की बेहतरी में योगदान दे रहे हैं।
धीरू भाई अंबानी, बिल गेट्स या जिस भी व्यक्ति के सपने पूरे हुए हैं। उसका उन सपनों के पूरा होने पर यकीन रहा है, उनसे आत्मीय जुड़ाव रहा है। उसे पूरा करने कोशिश की है। तब जाकर उसके सपनों ने हकीकत का जामा पहना है। लेकिन अधिकांश लोग सपने देखते हैं, पर उन्हें भरोसा नहीं होता कि वो पूरा हो पाएगा, इसलिए वे अपेक्षित प्रयास भी उस दिशा में नहीं करते। इसी वजह से उनके सपने झूठे हो जाते हैं। इसीलिए कहा जाता है, सपने वे नहीं हैं, जो नींद में आते हैं, सपने तो वे होते हैं जो सोने नहीं देते।
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