13 March 2012

गपशप

एक ट्रेन जा रही थी। एक बर्थ में एक युवा, बुजुर्ग और एक अन्य व्यक्ति बैठे थे।
बुजुर्ग युवा से- बेटे कहां से आ रहे हो?
युवा- रायपुर से।
बुजुर्ग- हम भी तो वहीं से आ रहे हैं। रायपुर में कहां रहना होता है?
युवा- जी, शंकरनगर।
बुजुर्ग- अच्छी बात है। हम भी वहीं रहते हैं। वैसे तुम शंकरनगर में कहां रहते हो?
युवा- शंकरनगर में टेलीफोन ऑफिस के बगल में।
बुजुर्ग- कमाल है, हम भी, तो टेलीफोन ऑफिस के बगल में ही रहते हैं। वैसे कहां जा रहे हो?
युवा- जी, जबलपुर।
बुजुर्ग- हमारा भी जबलपुर ही जाना हो रहा है। वैसे जबलपुर में कहां जा रहे हो?
युवा- बजरंगपुरा में।
बुजुर्ग- क्या बात है, हमारा भी वहीं जाना हो रहा है। अच्छा, बजरंगपुरा में कहां जा रहे हो?
युवा- सेक्टर 9 में।
बुजुर्ग- अब बताओ... अरे भाई हम भी वहीं जा रहे हैं। और अब तुम ये ना कह देना कि सेक्टर 9 में स्ट्रीट नंबर 5 में तुम्हें जाना है।
युवा संकोच के साथ- जी, मुझे स्ट्रीट नंबर 5 में ही जाना है सर।
बुजुर्ग-अजीब इत्तफाक है। अच्छा, स्ट्रीट नंबर 5 में कौन से क्वार्टर में जाना है।
युवा- वन सी।
बुजुर्ग- हे भगवान, हमें भी तो वहीं जाना है बेटे। तुम कौन हो? तुम्हारे पिताजी का नाम क्या है, वे क्या करते हैं?


तभी बर्थ में बैठा हुआ तीसरा व्यक्ति बीच में खीझकर बोल पड़ता है। कमाल है, आप लोग एक ही शहर के एक मोहल्ले के रहने वाले हैं। एक ही शहर के एक ही गली के एक ही क्वार्टर में जा रहे हैं, फिर भी एक-दूसरे से अनजान हैं।
बुजुर्ग, तीसरे व्यक्ति से: तुम चुप रहो। हम लोग बाप-बेटे हैं। टाइमपास के लिए यूं ही एक-दूसरे से गप मार रहे हैं।

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