पापा का काम : अखबार पढऩा, टीवी देखना।
मम्मी का काम : खाना बनाना, घर के सारे काम करना और बच्चों को डांटना।
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यह बातचीत के दौरान एक बच्चे की स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी।
दरअसल, शैतानी करने पर तीन साल के एक बच्चे से कहा गया - उसके शैतानी करने पर टेबल पर रखा कोई सामान यदि गिरा तो उससे ही उठवाया जाएगा।
बच्चे का जवाब था - आपको सोचना चाहिए कि कोई बच्चों से काम करवाता है क्या?
आगे जिरह करते हुए उससे कहा गया - ठीक है, तुम नहीं तो तुम्हारे पापा से इसे उठवाएंगे।
बच्चे का जवाब था - पापा क्यों उठाएंगे? यह पापा का काम थोड़ी है।
उससे कहा गया - तो किसका काम है?
बच्चे ने कहा - आप लोग का... मम्मी का।
उससे पूछा गया- क्या काम है मम्मी (लेडीज) लोगों का।
तब उसने महिलाओं और पुरूषों के ऊपर दिए गुणधर्म बताए थे।
यह सच्ची गुफ्तगू हुई थी मेरी पत्नी और उसकी बड़ी बहन के तीन साल के बच्चे के दरमियान)
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मम्मी का काम : खाना बनाना, घर के सारे काम करना और बच्चों को डांटना।
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यह बातचीत के दौरान एक बच्चे की स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी।
दरअसल, शैतानी करने पर तीन साल के एक बच्चे से कहा गया - उसके शैतानी करने पर टेबल पर रखा कोई सामान यदि गिरा तो उससे ही उठवाया जाएगा।
बच्चे का जवाब था - आपको सोचना चाहिए कि कोई बच्चों से काम करवाता है क्या?
आगे जिरह करते हुए उससे कहा गया - ठीक है, तुम नहीं तो तुम्हारे पापा से इसे उठवाएंगे।
बच्चे का जवाब था - पापा क्यों उठाएंगे? यह पापा का काम थोड़ी है।
उससे कहा गया - तो किसका काम है?
बच्चे ने कहा - आप लोग का... मम्मी का।
उससे पूछा गया- क्या काम है मम्मी (लेडीज) लोगों का।
तब उसने महिलाओं और पुरूषों के ऊपर दिए गुणधर्म बताए थे।
यह सच्ची गुफ्तगू हुई थी मेरी पत्नी और उसकी बड़ी बहन के तीन साल के बच्चे के दरमियान)
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