20 September 2011

... तुमको भी मुझको भी



 इस दुनिया का कोई इंसान पूरा नहीं होता
कमियां-खूबियां सबमें होती हैं
इस बात को समझना जरूरी है
तुमको भी मुझको भी।

किसी के सौ फीसदी सही या अच्छा होने की
अपेक्षा करना गलत है, नासमझी है
यह बात समझाना है अपने मन को
तुमको भी मुझको भी।

कभी लड़ाई ही न होना महत्वपूर्ण नहीं किसी रिश्ते में
अहम है दिल से दिल का मिलना, अपनेपन के फूल खिलना
यह बात जानना जरूरी है
तुमको भी मुझको भी।

जैसे एक मां और बच्चे का रिश्ता होता है
जहां प्यार के अलावा शिकवा-शिकायत भी होता है
यह बात अपने दिल को बताना है
तुमको भी मुझको भी।

केवल अच्छा ही अच्छा या सच्चा ही सच्चा
जीवन का सच नहीं, सच पूछो तो इसमें वो मजा भी नहीं
प्यार-तकरार, रूठने-मनाने का है अपना आनंद
यह बात महसूस करना है, तुमको भी मुझको भी

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