ए राजा, पूर्व केंद्रीय मंत्री का जमानत मिलने के बाद संसद सत्र के बाहर एक खुशी मनाते हुई एक तसवीर भास्कर में प्रकाशित हुई थी। संभवत: संसद की 60वीं सालगिरह, जो कि हाल ही में मनाई गई थी, उसी के अवसर पर वे दिल्ली संसद भवन पहुंचे थे। उस समय मीडिया से रूबरू होते हुए कैमरे के सामने हाथों से विशेष मुद्रा बनाकर अपनी खुशी का इजहार किया था।
ऐसा लगा मानों जो कुछ हुआ (स्पेक्ट्रम घोटाला) उससे वे बेअसर हैं, उस पर उनका कोई फर्क नहीं पड़ा...। फोटो बयान कर रही थी कि ऐसा तो चलो होता ही रहता है। दूसरी चीज जो महसूस हुई वो यह कि कहीं-न-कहीं चीजों का मखौल उड़ाने का, हल्के में लेने का भाव भी था, जो कि उस फोटो से मुखर हो रहा था। उस फोटो को देखकर एक वाक्य में प्रतिक्रिया देनी हो तो शायद वो यह होगी... हद है बेशर्मी की।
ऐसा लगा मानों जो कुछ हुआ (स्पेक्ट्रम घोटाला) उससे वे बेअसर हैं, उस पर उनका कोई फर्क नहीं पड़ा...। फोटो बयान कर रही थी कि ऐसा तो चलो होता ही रहता है। दूसरी चीज जो महसूस हुई वो यह कि कहीं-न-कहीं चीजों का मखौल उड़ाने का, हल्के में लेने का भाव भी था, जो कि उस फोटो से मुखर हो रहा था। उस फोटो को देखकर एक वाक्य में प्रतिक्रिया देनी हो तो शायद वो यह होगी... हद है बेशर्मी की।
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