मुझे मालूम है कि मैं तुम्हारे योग्य नहीं,
तो भी तुम तो जरा ज्यादा करूणामय हो सकते थे।
मैं राह की धूल सही; यह मालूम मैं मुझे।
लेकिन तुम्हें तो मेरे प्रति इतना विरोधात्मक नहीं होना चाहिए।
मैं कुछ नहीं हूं। मैं कुछ नहीं हूं। मैं अज्ञानी हूं। एक पापी हूं।
पर तुम तो पवित्र आत्मा हो। तो क्यों मुझसे भयभीत हो तुम?
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