मालिक तेरी रजा रहे और तू ही तू रहे
बाकी न मैं रहूं, न मेरी आरजू रहे
जब तक तन में जान और लहू रहे
तेरा ही जिक्र या तेरी ही जुस्तजू रहे
- अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल
बाकी न मैं रहूं, न मेरी आरजू रहे
जब तक तन में जान और लहू रहे
तेरा ही जिक्र या तेरी ही जुस्तजू रहे
- अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल
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