23 September 2011

प्यार की $कीमत


एक बार सभी एहसास और भावनाएं एक आइलैंड पर छुट्टियां मनाने के लिए गए। अपने-अपने स्वभाव के अनुसार सभी वहां मौज कर रहे थे, तभी वहां तूफान आने की संभावना बनने लगी। यकायक सभी लोग तेजी से भागकर बोट में सवार होने लगे। 'प्यारÓ वहीं खड़ी थी, उस आइलैंड को छोडऩे को उसका मन नहीं हो रहा था। वो वहां बहुत काम करना चाहती थी, लेकिन जब उसने घटाटोप बादलों को देखा, तो वह जाने को हुई, लेकिन उसके लिए एक भी बोट नहीं बची थी, जिसमें वो सवार हो पाती।
'प्यारÓ मदद की आस में किनारे खड़ी हो गई और जाने वाले लोगों आशाभरी न•ारों से देखने लगी। तभी उसके पास से एक आलीशान बोट में 'सफलताÓ गु•ारी। 'प्यारÓ ने उससे कहा- क्या तुम मेरी सहायता करोगी, मुझे अपनी बोट में बिठा लोगी? 'सफलताÓ ने कहा- मा$फ करना, मेरे बोट में हीरे-जवाहरात भरे पड़े हैं, उसमें तुम्हारे लिए बिलकुल जगह नहीं है। यह कहकर 'सफलताÓ चली गई। थोड़ी देर बाद वहां $खूबसूरत बोट में 'घमंडÓ आया। 'प्यारÓ ने उससे भी अपनी बोट में जगह देने की गु•ाारिश की। घमंड ने इंकार करते हुए कहा- 'मेरी सुंदर बोट तुम्हारे मिट्टी से सने पैरों से खराब हो जाएगी।Ó जब वहां से '$गमÓ गु•ारा तो 'प्यारÓ ने उससे भी पनाह मांगी। '$गमÓ ने कहा- 'मंै तुम्हें नहीं ले जा सकता, क्योंकि मैं दुखी हूं और अकेले रहना चाहता हूं।Ó कुछ देर बाद वहां से '$खुशीÓ बोट में सवार होकर आई। 'प्यारÓ ने उसे चिल्लाया, हाथ दिखाकर रोकना चाहा, लेकिन $खुशी अपने आप में इतना मस्त थी कि उसे 'प्यारÓ की आवा•ा ही सुनाई नहीं दी। 
'प्यारÓ वहीं थक-हार कर बैठ गई, वह नाउम्मीद हो चुकी थी,। तभी उसे किसी ने कहा- आओ 'प्यारÓ तुम मेरे साथ मेरी बोट में आ जाओ। 'प्यारÓ उस शख़्स को नहीं जानती थी, लेकिन वह भागकर उसकी बोट में सवार हो गई। आगे एक सुरक्षित जगह पर उस शख़्स ने 'प्यारÓ को उतार दिया। वहां 'प्यारÓ की मुला$कात 'नॉलेजÓ से हुई। 'नॉलेजÓ को अपनी आपबीती सुनाकर 'प्यारÓ ने कहा- पता नहीं वह अजनबी मददगार कौन था, क्या तुम उसे जानते हो? 'नॉलेजÓ ने कहा- हां,  मैं उसे जानता हूं, वह 'टाइमÓ था।
'प्यारÓ ने चकित होकर कहा- 'टाइमÓ लेकिन उसने भला क्या सोचकर मेरी मदद की, रुककर मुझे बचाना बेहतर समझा! 'नॉलेजÓ ने मुस्कराते हुए कहा- क्योंकि केवल 'टाइमÓ ही तुम्हारे महत्व, क्षमता और महानता को जानता है। उसे ही पता है कि केवल प्यार ही है, जो विश्व में शांति और सच्ची $खुशी ला सकता है।

निष्कर्ष: जब हम सफल होते हैं, तो प्यार जैसी कोमल भावना को न•ारअंदाज कर देते हैं। जब हम हर जगह आदर-सम्मान पाते हंै, तब प्यार को भूल जाते हैं। यहां तक कि $खुशी और $गम के क्षणों में भी प्यार हमारे ख्य़ाल में नहीं रहता। केवल समय के साथ हम प्यार का महत्व उसकी उपयोगिता समझ पाते हैं।

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