शिष्य ने गुरु से पूछा- यदि मैं आपसे यह कहूं कि आपको आज सोने का एक सिक्का पाने या एक सप्ताह बाद एक हजार सिक्के पाने के विकल्प में से एक का चुनाव करना है तो आप क्या लेना पसंद करेंगे?
गुरु ने कहा- मैं तो एक सप्ताह बाद सोने के हजार सिक्के लेना चाहूंगा।
शिष्य ने आश्चर्य से कहा- मैं तो यह समझ रहा था कि आप आज सोने का एक सिक्का लेने की बात करेंगे। आपने ही तो हमें हमेशा वर्तमान क्षण में अवस्थित रहने की शिक्षा दी है।
गुरु मुस्कराते हुए बोले- तुमने मुझे सोने की दो काल्पनिक मात्राओं में से एक का चयन करने के लिए कहा है, तो इससे क्या फर्क पड़ता है कि मैं किसका चुनाव करता हूं?
गुरु ने कहा- मैं तो एक सप्ताह बाद सोने के हजार सिक्के लेना चाहूंगा।
शिष्य ने आश्चर्य से कहा- मैं तो यह समझ रहा था कि आप आज सोने का एक सिक्का लेने की बात करेंगे। आपने ही तो हमें हमेशा वर्तमान क्षण में अवस्थित रहने की शिक्षा दी है।
गुरु मुस्कराते हुए बोले- तुमने मुझे सोने की दो काल्पनिक मात्राओं में से एक का चयन करने के लिए कहा है, तो इससे क्या फर्क पड़ता है कि मैं किसका चुनाव करता हूं?
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