भारतीय जनमानस प्रौढ़ हो रहा है। उसमें परिपक्वता आ रही है। अपने तात्कालिक लाभ को छोड़कर अब वह दीर्घकालिक नुकसान पर ध्यान देना भी शुरू कर चुका है। इसी का परिणाम है कि रेल यात्री किराए में नौ सालों में की गई रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा की गई वृद्धि को रेलसंगठनों ने जायज ठहराया। याद रहे, त्रिवेदी इसी फैसले के चलते रेलमंत्री पद गंवा चुके हैं। इसी मसले पर एक बेहतरीन आर्टिकल दैनिक भास्कर के संपादकीय में हाल में छपा है। इस लिंक पर जाएं... http://www.bhaskar.com/article/
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