28 September 2011

मोर्चे पर डटा रहने वाला लीडर

कई लोगों के लिए लीडर और मैनेजर शब्द का एक ही मतलब है। बेशक इनमें समानता है, लेकिन एक हद तक। असल में ये दोनों का$फी अलग हैं। इनमें वही अंतर है, जो औसत खिलाड़ी और बेहतरीन खिलाड़ी में होता है...


- मैनेजर मेंटेन करता है, जबकि लीडर विकसित। मैनेजर नीतियों और प्रक्रियाओं पर ही ध्यान देता है। काम का सुचारू चलना ही उसका लक्ष्य होता है, जबकि लीडर का जोर 'सही चीजÓ करने में होता है।
- मैनेजर अनुसरण या नकल करता है। वह नया करने की नहीं सोचता, जबकि लीडर प्रयोगधर्मी होता है। वह बेहतर करने के लिए वह अपनी टीम के लोगों व अन्य दूसरे लीडरों से मशवरा करता है, तरीकों के संबंध में चर्चा करता है,और बेहतर करने के लिए नियमों में बदलाव से पीछे नहीं हटता।
- मैनेजर प्रोडक्ट पर ध्यान देता है, जबकि लीडर प्रोसेस पर। मैनेजर कामकाज में सक्रिय भागीदारी नहीं निभाता, बल्कि अंत में आए नतीजे से ही सरोकार रखता है। लीडर, गुणवत्ता, उत्पादन और दक्षता के सिद्धांत को ध्यान में रखता है। इसके अनुसार वह कर्मचारियों की कोशिश और नतीजे को जानने में सक्षम होता है।
- मैनेजर कर्मचारियों का मूल्यांकन सकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर करता है, उसका कर्मचारियों के कामकाज से सीधा जुड़ाव नहीं होता। लीडर कामकाज से सीधा वास्ता रखता है और सहज ज्ञान के आधार पर कर्मचारियों का मूल्यांकन करता है।
- मैनेजर अपने मातहत को सहायक  के रूप में देखता है। इसीलिए किसी सहायक के आगे बढऩे पर, वह असुरक्षाबोध से ग्रसित हो जाता है। इसके विपरीत, लीडर अन्य दूसरे लीडर विकसित करने का प्रयास करता है। सहायकों को प्रोत्साहित करता है।
- मैनेजर अपने सहायकों को 'क्या करना हैÓ यह बताकर आउटपुट मांगता है। लीडर यह भी बताता है कि वह काम कैसे हो पाएगा। वह सहायकों को एक विजन, एक नजरिया भी दे देता है।  कर्मचारियों से उनकी व्यक्तिगत कमियों पर चर्चा कर उसे दूर करने का रास्ता भी बताता है।
- लीडर कर्मचारियों में सुरक्षा का एहसास भरता है। $गलती होने पर इल्•ााम अपने सर लेने तैयार रहता है। मैनेजर कर्मचारियों को सीधे कटघरे में खड़ा कर देता है।
- लीडर एक ही लाठी से सबको नहीं हांकता। उसे पता होता है- कौन मक्कारी के कारण काम नहीं कर पाया, और कौन समस्या की वजह से रुका है। मैनेजर में यह समझदारी नहीं होती। 
- मैनेजर न सुनना पसंद नहीं करता, उसे केवल तारी$फ पसंद होती है। लीडर स्वस्थ माहौल में खुलकर काम करने व बात रखने की छूट देता है। अपनी बात कटने पर अन्यथा नहीं लेता।
- मैनेजर कंट्रोल पर यकीन रखता है जबकि लीडर विश्वास पर। जो सहायक अनुकूल नहीं लगते, मैनेजर उन पर दबाव बनाता है, जबकि लीडर स्वाभाविक प्रवृत्तियों के आधार पर प्रोत्साहित करके काम लेता है। 

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